अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज हम आपके लिए Dastarkhwan Uthane ki Dua लेकर आए है बहुत ही प्यारी सी दुआ है।
नाज़रीन खाना खाने से पहले की दुआ और खाने की बाद की दुआ तो सभी लोगो को मालूम होता है, लेकिन दस्तरख्वान जिसपर खाना खाते है उसको उठाने समय कुछ भी नहीं पढ़ते।
दोस्तों अक्सर ऐसा होता है की हम दस्तरख्वान बिछाकर खाना तो खा लेते है लेकिन जब उसे उठाते है तो दुआ पढ़ना भूल जाते है, और हमारे बहुत से भाई-बहन को तो शायद यह दुआ याद भी न हो।
आइए देखते है वह कौन-सी दुआ है जो दस्तरख्वान उठाते और बिछाते समय पढ़नी चाहिए।
Dastarkhwan Uthane ki Dua
दोस्तों जब भी घर या कही और खाना दस्तरखान पर ही खाना चाहिए क्योंकि हमारे नबी करीब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नत है. जिसकी वजह से सुन्नत पर अमल करने के लिए बहुत ज्यादा सवाब मिलेगा।
दूसरी अगर खाने का लुकमा गिरे तो दस्तरखान से उठा कर खा सके।
Hindi
अल् हम्दु लि ल्लाहि हम्दन कसीरन तय्यबम मुबा-रकन फ़ीहि गै-र मुक़फ़ीयिन व ला मुवद्दइन व ला मुस्तग्न न अन्हु रब्बना०
English
alhamdu lillahi hamdan kaseeran tayyiban mubarakan feehi gaira mukfi-wala muwadda-in wala mustagnan anhu rabbana
Tarjuma
सब तारीफ़ें अल्लाह ही के लिए है, ऐसी तारीफ जो बहुत हो पाकीज़ा और बरकत वाली हो, ऐ हमारे रब! हम इस खाने काफी समझकर या बिल्कुल रुखसत करके या उससे गैर मुहताज होकर नहीं उठा रहे।
दोस्तों आज आपने जाना की Dastarkhwan Uthane ki Dua क्या होती है, और इस दुआ को कब पढ़नी चाहिए आज आपने इसके बारे मे भी जाना।
इस तरह से जिस घर में खाना खाया जाता है। उस घर में रिज्क में बरकत होती है, क्युकी सुन्नत पर अमल किया जा रहा है।
इसी तरह का इस्लामिक दुआ, अज्कार सीखने के लिए हमारी इस्लामकादुआ.कॉम पर रोजाना आया करे और कुछ नया दुआ सीखा करे।