अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, आज की दुआ बहुत ही खास है, क्युकी Attahiyat ki Dua बिना पढ़ने कोई भी नमाज़ मुकम्मल नहीं हो सकती है।
अत्ताहियात हर नमाज़ की दूसरी तीसरी और चौथी रकात में पढ़ी जाती है, यानि जब भी ताशःहुद में बैठा जाता है, तब इस दुआ के अलावा दरूद इब्राहीम और Dua e Masura पढ़कर सलाम फेर दिया जाता है।
इसको याद करना बेहद आसान है, जिसके लिए हमने अरबिक फोटो के साथ हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषा में लिख दिया हूँ। जिससे याद करने में उच्चारण की दिक्कत ना हो।
Attahiyat ki dua In Hindi
अत्तहियातु लिल्लाहि वस्सला वातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलैक अय्युहन्नबियु व रहमतुल्लाही व बरकातुहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहि – स्सालिहीन अश्हदु अल्लाइल्लाह इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्ना-मुहम्मदन अब्दुहू व रसुलुहू।
Attahiyat ki dua In English
At-tahiyyatu Lillahi wa-salawatu wa’t-tayyibat, as-salamu ‘alayka ayyuha’n-Nabiyyu wa rahmat-Allahi wa barakatuhu. As-salamu ‘alayna wa ‘alaa ‘ibad-Illah is-saliheen. ashhadu alla ilaha illallah wa ashhadu anna muhammadan ‘abduhu wa rasuluhu
Attahiyat ki dua Ka Tarjuma
तमाम तहिय्यतें और नमाजे और पाकीजगियां अल्लाह के लिए है सलाम आप पर ऐ नबी और अल्लाह कि रहमत और बरकतें हम पर और अल्लाह के नेक बन्दों पर सलाम मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई मअबूद नहीं और गवाही देता हूं मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम उसके बन्दें और रसुल हैं।
आज आपने क्या सीखा?
दोस्तों आज आपने Attahiyat ki dua के बारे मे सीखा इस दुआ को कब पढ़ा जाता है आज आपने इसको भी जाना।
नमाज़ मे इस दुआ का पढ़ना बहुत जरूरी अगर नमाज़ का एक भी फर्ज, सुन्नत, वाजीबात छूट जाए तो नमाज़ का सवाब नहीं मिलता।
अल्लाह हम सबको खूशु और खुजु वाली नमाज़ पढ़ने की तौफीक अता करे।