अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे दोस्तों, हमारी इस वेबसाईट पर इस्लाम की सभी दुआओ के बारे मे बताया जाता है आज हम आपके लिए लाए है Roza Kholne Ki Dua के बारे में।
नाज़रीन मुसलमानों पर साल मे 30 दिन रोज़े रखना फर्ज है और इसकी बहुत बड़ी फ़ज़ीलत है, रोज़ा रखना इस्लाम के पाँच जरूरी अरकाम मे से एक है, इसलिए हमे चाहिए रोज़े को सुन्नती तरीके से रखना और रोज़े को सुन्नती तरीके से खोलना जरूरी है।
रमजान में तिन अशरा होता है. जिसका अलग अलग दुआ होता है, जो कुछ इस तरह है:
तीसरे अशरा के बाद ईद के चाँद की दुआ पढ़ा जाता है ये उस वक़्त पढ़ा जाता है। जब चाँद अपने आँखों से देखे या ख़बर सुने।
Roza Kholne Ki Dua
अल्लाह के नबी ने पूरी दुनिया को बताया की अल्लाह के हुकूम के मुताबिक ज़िंदगी गुजार कर दिखाई और साथ ही ये भी बताया Roza Rakhne ki Dua और Roz a Kholne Ki Dua और रोज़े को किस तरीके से रखा जाए, आइए जानते है वो दुआ क्या है।
Roza Kholne ki Dua in Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतू व बिका आमन्तु व-अलयका तवकलतु व-अला रिज़क़ीक़ा अफतरतु
रोज़ा रखने की दुआ का तर्जुमा
ऐ अल्लाह मैंने तेरी रजा के लिए रोजा रखा और तेरी ही रज्कक पर इफ़्तार खोल रहा हूं.
Roza Kholne Ki Dua in English
Allahumma inni laka sumtu wa bika aamantu wa alayka tawakkaltu wa ala rizq-ika-aftartu
आज अपने क्या सीखा?
दोस्तों आज हमे अपनी इस पोस्ट की मदद से जाना की Roza Kholne Ki Dua क्या होती है और इसे अलग अलग भाषा मे कैसे पढ़ सकते है, इस दुआ को हम रोज़ा खोलने के लिए पढ़ते है।
और नाज़रीन रमजान में तरावीह का एहतराम जरुर करे, क्युकी तरावीह की नमाज़ साल में बस एक महीने के लिए आते है। अगर किसी शख्स को तरावीह का दुआ याद नहीं है तो अभी से ही याद करना शुरू कर दे।
ऐसी ही सभी छोटी और बड़ी दुआओ को सीखने के लिए आप हमारी वेबसाईट को चेक कर सकते है और साथ ही छोटी छोटी दुआओ को आसानी से याद कर सकते है।