अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन अगर कोई मुस्लमान हलाल कमाई दावत के रूप में कहे तो आपको मना नहीं करना चाहिए? बलके दावत कबूल कर लेना चाहिए। इसलिए आज का दुआ बहुत खास है जिसमे Dawat ki Dua यानि Dawat Khane ki Dua बताया और सिखाया जायेगा।
इस पोस्ट में आसान भाषा में पहले अरबिक फिर हिंदी और इंग्लिश के द्वारा अच्छी तरह से कही कुछ आपको पढ़ने में गलती ना हो जाय। इसका बहुत ध्यान दिया गया है।
दोस्तों दावत में खाने के लिए जा रहे है तो आपको तिन दुआ जरुर याद करना चाहिए:
तो दोस्तों इसीलिए आप सभी से एक गुजारिश है की हमारी इस ब्लॉग को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे और बताये की IslamKaDua नाम का एक ब्लॉग है वह से अच्छी अच्छी आपको दुआ याद करने को मिल जायेगा।
Dawat Khane ki Dua
यह दुआ बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें अल्लाह की नेअमतों के लिए शुक्र अदा करने के लिए प्रेरित करती है। यह दुआ दावत या खाने के बाद पढ़ी जाती है।
Dawat Khane ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा अत ‘इम-मन अत-‘अ-मनी वसक़ी मन सक़ानी
दावत खाने की दुआ तर्जुमा के साथ
ऐ अल्लाह! इसको खिला जिसने मुझे खिलाया और इसको पिला जिसने मुझे पिलाया
Dawat Khane ki Dua In English
ALLAHumma At-‘im Man At-amanee Wasqee Man Saqaanee.
Dua When Dining at Someone’s House
O Allah Azzawajal feed him who fed me and give him to drink who gave to drink.
दावत वाली दुआ पढ़ने के फायदे
इस दुआ को पढ़ने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- अल्लाह की नेअमतो का शुक्र अदा करना: यह दुआ हमें अल्लाह की नेअमतो के लिए शुक्र अदा करने के लिए प्रेरित करती है।
- ईमान में इजाफा: यह दुआ हमें अल्लाह की कृपा और उसकी शक्ति का एहसास दिलाती है।
- बरकत में इजाफा: यह दुआ हमारे खाने-पीने में बरकत लाती है।
दुआ के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- यह दुआ दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा पढ़ी जाती है।
- यह दुआ कई मुस्लिम देशों में स्कूलों में बच्चों को सिखाई जाती है।
- यह दुआ कई मुस्लिम घरों में दीवारों पर लिखी होती है।
- इस दुआ को पढ़ने के लिए कोई विशेष तरीका नहीं है।
- इस दुआ को आपकी मातृभाषा में भी पढ़ा जा सकता है।
- इस दुआ को पढ़ने के बाद अल्लाह से दुआ करें कि वह आपकी दुआ को स्वीकार करे।
ख्वाब में दावत खाने की ताबीर क्या है?
नाज़रीन Khwab mein Khane ki Dawat Dekhna बहुत अच्छी बात है लेकिन इसकी ताबीर हर शख्स के लिए अलग अलग होती है।
अगर कोई शख्स ख्वाब में दावत देना देखना है तो इसका मतलब यह है की दुनिया को फैज़ पहुँचाना है जैसे अलीम है तो इल्म सिखाएगा।
अगर कोई शख्स ख्वाम में दावत को कबूल करना कारोबार वसी होने और दौलत होने खुशखबरी मिलने की अलामत है।
खवाब में दावत को इन्तेजाम करना सुकून या मुदारसा जारी करने या स्कूल के अन्दर किसी भी तरह का खर्च करने की अलामत है।
दुआ के बारे में कुछ प्रश्न और उत्तर:
प्रश्न: यह दुआ कब पढ़ी जानी चाहिए?
उत्तर: यह दुआ दावत या खाने के बाद पढ़ी जाती है।
प्रश्न: दुसरे भाई को दावत देने पर क्या करना चाहिए?
उत्तर: इस्लाम हमें सिखाता है की जब कोई मुस्लमान भाई किसी दुसरे भाई को दावत दे, तो ऐसे में सामने वाले भाई को उस भाई की दावत कुबूल करनी चाहिए। अपना अहलो आयल और रिश्तेदारों को हलाल माल से खाना खिलाना चाहिए।
प्रश्न: इस दुआ को पढ़ने के क्या फायदे हैं?
उत्तर: इस दुआ को पढ़ने के कई फायदे हैं, जिनमें अल्लाह की नेअमतो का शुक्र अदा करना, ईमान में इजाफा, और बरकत में वृद्धि शामिल हैं।
प्रश्न: यह दुआ कहां से आई है?
उत्तर: यह दुआ हदीस में दिया गया है।
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप सभी हज़रात को दावत खाने या खाने के बाद की दुआ बेहद पसंद आया होगा। जिसमे अच्छी इमेज के साथ कई और भाषा में भी दुआ को लिखा गया है जिससे याद करने में कही गलती ना हो जाए।
नाज़रीन आपको कभी भी कोई शख्स दावत पर बुलाए तो जरुर जाना चाहिए और उसके हक में रिज्क की दुआ भी जरुर करना चाहिए।
उम्मीद है कि यह जानकारी आपको उपयोगी लगी होगी।