बालिग मर्द व औरत की जनाज़े की दुआ | Janaze ki Dua

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, आज जनाज़े की दुआ बताने जा रहा हूँ। आपको फिर बताता चलू की जनाज़े की 3 दुआ होती है। पहला Balig ke Liye Janaze ki Dua जो आज सीखने वाले हो।

दूसरा ना-बालिग लड़का या बच्चा की जनाज़ा और तीसरा ना-बालिग लड़की या बच्ची की जनाज़े की दुआ। जिसको पिछले पोस्ट में आप लोगो को बता दिया गया है।

आप सभी हज़रात से गुजारिश है की आज की दुआ को शुरू से आखिर तक जरुर पढ़े। जिससे इस दुआ को अच्छी तरह से याद कर लेंगे।

balig Mard w Aurat ki Janaze ki Dua

आज की दुआ काफी बड़ा है। इसीलिए आप सभी से गुजारिश है की इसको धयान से याद करना है। जिसके लिए अरबिक के अलावा हिंदी और रोमन इंग्लिश में भी लिखा गया है, जिससे उच्चारण करने में किसी भी किस्म की गलती ना हो पाए।

नाज़रीन जब आप लोग किसी भी मय्यत के जनाज़े में जाए तो जनाज़े की नमाज़ से पहले मालूम करे की यह जनाज़े किसकी है और मालूम करने पर पता चले की बालिग मर्द या औरत की है तो यह दुआ पढ़े:

बालिग मर्द व औरत की जनाज़े की दुआ

Janaze ki Dua In Hindi

अल्लाहुम्मग़ फ़िर लि हय्यिना वमय्यितिना वशाहिदिना वग़ाइबिना व सग़ीरिना व कबीरिना व ज़करि ना वउन्साना। अल्लाहुम्म मन अहययतहू मिन्ना फ़ अहयिही अलल इस्लाम, वमन् तवफ़्फ़ै तहू मिन्ना फ़ तवफ़्फ़हू अलल ईमान

जनाज़े की दुआ तर्जुमा के साथ

तर्जुमा :- इलाही! बख़्श दे हमारे हर जि़न्दा को और हमारे हर फ़ौत शुदा को और हमारे हर ह़ाजि़र को और हमारे हर ग़ाइब को और हमारे हर छोटे को और हमारे हर बड़े को और हमारे हर मर्द को और हमारी हर औरत को। इलाही! तू हम में से जिस को जि़न्दा रखे तो उस को इस्लाम पर जि़न्दा रख और हम में से जिस को मौत दे तो उस को ईमान पर मौत दे। (अल मुस्‍तदरक लिलहाकिम हदीस 1366)

Janaze ki Namaz ki Dua In Roman Eng

Allaahum-maghfir lihayyinaa, wa mayyitinaa, wa shaahidinaa, wa ghaa’ibinaa, wa sagheerinaa wa kabeerinaa, wa thakarinaa wa ‘unthaanaa. Allaahumma man ‘ahyaytahu minnaa fa’ahyihi ‘alal-‘Islaami, wa man tawaffaytahu minnaa fatawaffahu ‘alal-‘eemaani

अगर किसी को ऊपर दिए गए तीनो Janaze ki Dua याद नहीं है तो याद करे लेकिन याद नहीं हो रहा है तो ये दुआ पढ़े:

अल्लाहुम्मग़ फिरली मुअ’मिनिना वल मुअ मिनात

दोस्तों मुझे उम्मीद है की बालिग मर्द व औरत की Janaza ki Dua आप सभी हज़रात से याद कर लिया होगा। जिसमे अलग अलग भाषा के साथ इस दुआ को याद कराने की कोशिश किया गया है।

नाज़रीन इसके अलावा इन्तेकाल की दुआ सीखना बहुत जरुरी है, क्युकी जब भी हम लोगो को किसी शख्स का मरने का खबर मिले तो ये दुआ पढ़ा जाता है।

जिससे अरबिक का सही तरह से उच्चारण हो पाए और कही भी किसी किस्म की गलती ना। इसी तरह का इस्लामिक दुआ सीखना चाहते है तो इस दुआ को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे।

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Bilal Ahmad

इस्लामकादुआ.कॉम एक इस्लामिक वेबसाइट है जो बिलाल अहमद द्वारा 2023 में शुरू की गई है, ताकि दुनिया भर के लोगो तक ऑथेंटिक इस्लामिक दुआएं, और जानकारी हदीस की रौशनी में पहुंचाई जा सके।

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