Dua e Qunoot In Hindi, English & Arabic

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, अगर आप लोग ईशा में वित्र नमाज़ पढ़ते है तो Dua e Qunoot से जरुर वाकिफ होंगे, क्युकी यह वित्र की नमाज़ के आखिरी रकात में पढ़ा जाता है।

मै मानता हूँ की दुआ ए क़ुनूत थोड़ा बड़ा दुआ है, जिसको याद करने में मुश्किल होता है। लेकिन लगातार प्रयास से कोई भी काम आसान हो जाता है।

जैसे आपको दुआ ऐ मशुरा की दुआ याद करने में मुश्किल आई होगी, लेकिन फिर भी याद कर लिया होगा। उसी तरह ये भी याद हो जायेगा।

Dua e Qunoot

दोस्तों अगर आपको मालूम ना हो तो आपको जानकारी के लिए बता दू Dua e Qunoot वित्र की नमाज़ के आखिरी रकात में पढ़ा जाने वाला दुआ है।

اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ اَللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ وَنَرْجُو. رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ


Dua e Qunoot ki Dua In Hindi

अल्लाहुम-म इन्ना नस्तईनु-क व नस्तग्फिरु-क व नुउ मिनु बि-क व न-त-वक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खै-र व नश्कुरू-क व ला नक्फुरू-क व नख्लउ व नतरूकु मंय्यफजुरू-क। अल्लाहुम-म इय्या-क नअबुदु व ल-क नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नसआ व नहि्फदु व नर्जू रहम-त-क व नख्शा अजा-ब-क इन-न आजा-ब-क बिल कुफ्फारि मुलहिक।

दुआ ए कूनूत का तर्जुमा

ऐ अल्लाह, हम तुझ से मदद चाहते हैं ! और तूझ से माफी मांगते हैं तुझ पर ईमान रखते हैं और तुझ पर भरोसा करते हैं ! और तेरी बहुत अच्छी तारीफ करते हैं और तेरा शुक्र करते हैं और तेरी नाशुकरी नहीं करते और अलग करते हैं और छोड़ते हैं, इस शख्स को जो तेरी नाफरमानी करें

Dua e Qunoot in English

Allah humma inna nasta-eenoka wa nastaghfiruka wa nu’minu bika wa natawakkalu alaika wa nusni alaikal khair, wa nashkuruka wala nakfuruka wa nakhla-oo wa natruku mai yafjuruka, Allah humma iyyaka na’budu wa laka nusalli wa nasjud wa ilaika nas aaa wa nahfizu wa narju rahma taka wa nakhshaa azaabaka inna azaabaka bil kuffari mulhik.

आज अपने क्या सीखा?

दोस्तों आज हमने इस लेख की मदद से जाना की Dua e Qunoot की दुआ कितनी अहम है, साथ ही हमने इस आर्टिकल मे इस दुआ को हिन्दी, इंग्लिश और अरेबिक भाषा मे इस दुआ को बताया है।

जैसे हमे आपको पहले ही इस आर्टिकल मे बताया है ये दुआ सभी नमाज़ मे पढ़ी जाती है इसलिए हर मुसलमान को चाहिए इस दुआ को याद करे रोजाना पढ़े।

अगर आपको नमाज़ के बाद की दुआ याद नहीं है तो बिलकुल याद करे, क्युकी यह हर नमाज़ के बाद पढ़े जाना वाला दुआ है।

हम उम्मीद करते है आपको ये आर्टिकल काफी पसंद आया होगा, इनशाल्लाह हम ऐसे ही अहम दुआ आपके लिए लेते रहेंगे।

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Bilal Ahmad

इस्लामकादुआ.कॉम एक इस्लामिक वेबसाइट है जो बिलाल अहमद द्वारा 2023 में शुरू की गई है, ताकि दुनिया भर के लोगो तक ऑथेंटिक इस्लामिक दुआएं, और जानकारी हदीस की रौशनी में पहुंचाई जा सके।

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