Qabristan Mein Dakhil Hone ki Dua | Qabristan ki Dua

अस्सलामु अलैकुम दोस्तों, आज की इस पोस्ट में कब्रिस्तान की दुआ यानि Qabristan Mein Dakhil Hone ki Dua बताने जा रहा हूँ।

जिसे सीखने के लिए आप सभी हज़रात इस ब्लॉग पे आए है। अगर आप मुस्लमान है तो बचपन से अभी तक बहुत बार कब्रिस्तान में आना जाना होता है, लेकिन क्या कभी सोचा है की कब्रिस्तान में दाखिल होने की भी दुआ होती है।

जी दोस्तों दुआ होती है जिसे पढ़ने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है। जिसे पढ़ने में मुश्किल से 10 सेकंड्स लगता है यानि बहुत ही छोटा सा दुआ है जिससे आसानी से याद किया जा सकता है।

दोस्तों मुझे उम्मीद है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद यह दुआ आपको याद हो जायेगा।

Qabristan ki Dua

नाज़रीन दुआ को सिखाने के लिए यहाँ पर बहुत अच्छा इमेज दिया जा रहा है। जिससे याद करने में आसानी होगी या इसे डाउनलोड भी कर सकते है।

जब आप कब्रिस्तान में दाखिल होने लगे या कब्रिस्तान के रस्ते से गुजरने लगे तो आपको Qabristan me Dakhil Hone ki Dua को साथ साथ पढ़ते जाना है।

Qabristan Mein Dakhil Hone ki Dua

अगर किसी शख्स को इमेज देखकर भी याद नहीं हुआ तो निचे हिंदी के साथ इंग्लिश में भी दुआ बताया जा रहा है। इसके साथ तर्जुमा यही मतलब भी बताया जा रहा है।

Qabristan Mein Dakhil Hone ki Dua In Hindi

अस्सलामु अलैकुम अहलद दियारि मिनल मुमिनीना वल मुस्लिमीना, व इन्ना इंशाअल्लाहु बिकुम ललाहिकूना अस अलुल्लाहा लना व लकुमुल आफिया

कब्रिस्तान में दाखिल होने की दुआ तर्जुमा के साथ

ऐ मोमिनो! तुम पर सलाम हो, हम आप के पास जल्द आने वाले है, हम अपने लिए और आप के लिए अल्लाह ता’अला से आफ़ियत और खैरियत मांगते है।

Qabristan me Jane ki Dua in Roman English

Assalaamu ‘alaykum ‘ahlad-diyaari, minal-mu’mineena wal muslimeena, wa ‘innaa ‘in shaa’ Allaahu bikum laahiqoona ‘as’alullaaha lanaa wa lakumul- ‘aafiyata.

Dua When Entering Graveyard

Peace be upon you O inhabitants of the abodes, believers and Muslims, we will join you if Allah wills, we ask Allah for our and your well being.

नाज़रीन क़ब्र पर मिटटी देने का तरीका भी सीखना हर मुस्लमान पर वाजिब है, क्युकी जब भी जनाज़े को कब्रिस्तान में लेकर जाते है तो वहां पर मिटटी देते है, जिसपर कुछ ना कुछ आयत पढ़ा जाता है।

दोस्तों मुझे उम्मीद है की कब्रिस्तान में दाखिल होने की दुआ आसानी से याद हो गया होगा। जिसमे अलग अलग तरह से इस दुआ को सिखाने की कोशिश किया गया है।

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Bilal Ahmad

इस्लामकादुआ.कॉम एक इस्लामिक वेबसाइट है जो बिलाल अहमद द्वारा 2023 में शुरू की गई है, ताकि दुनिया भर के लोगो तक ऑथेंटिक इस्लामिक दुआएं, और जानकारी हदीस की रौशनी में पहुंचाई जा सके।

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